Tuesday, September 8, 2009

यादें

ऐसी यादें जो होती,

कुछ खट्टी कुछ मीठी

परत दर परत

चल चित्र सी,

खुलती परत दर परत

मन की यह उड़ान

बीते पलों को संजोये,

खुशियों को समेटे,

एकाकीपन का साथी,

ख़ुद की एक दुनिया,

जो सिर्फ़ अपनी है।

जिस पर सिर्फ़ और सिर्फ़

मेरा ही हो हक़,

एक बंद मुट्ठी की तरह।

मन के कोने में हर पल बंद,

मेरे एकाकी पलो में,

चुपके से झांकती यादें,

जो सिर्फ़ मेरी निजी हैं.

1 comment:

  1. Yaade yaad aati hai...yaade ho hasati aur rulati hai.. Yeh Yaade...!

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