हौंसला
ज़िन्दगी क्या है?
कभी धूप कभी छावं,
कभी सुख कभी दुःख।
कभी मेल कभी विछोह,
कभी खुशी कभी गम।
सरल नही है जीवन की राहें,
कठिन भी नही है जीवन की राहें।
जैसे तुम चाहो इन्हे बनाओ,
तुम झुका सकती हो पहाड़ को,
रुख मोड़ सकती हो दरिया का।
हौंसला तुम ख़ुद का बढाओ,
राहें ख़ुद बनेंगी,
मंजिले कदम चूमेगी.
Wednesday, September 9, 2009
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bahut hi achhi hai
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